ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्, उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
दरबार में आए हुए भक्तों की समस्त समस्याओं का समाधान गुरुजी द्वारा किया जाएगा । दरबार में समस्याओं का समाधान जैसे भूत प्रेत बाधा, संतान का न होना, विवाह न होना, तलाक हो जाना, टोना टोटका किया हुआ, शत्रुओं से परेशानी, कोर्ट कचहरी में विजय हेतु, व्यापार धंधा न चलना, विदेशयात्रा, कंपनी, एजेंसी में समस्या, बार बार बीमार होना, मिर्गी आना, पीलिया होना, पथरी होना इत्यादि रोगों का निराकरण, वाहन की पेरशानी दूर करना, मासिक धर्म बार बार आना, गर्भ में बच्चे का नष्ट होना, कम दिमाग वाले बच्चे, घर का बंदेज करवाना या बंदेज खुलवाना, घर में बार बार मृत्यु होना करतूत से दरबार में मंत्रों द्वारा एवं ऋषि परंपरा द्वारा निराकरण किया जाता है। दरबार नंबर 9755612540 पर संपर्क करें। टाइफाइड, भूत प्रेत समस्या एवं लखुआ, पीलिया वाले रोगियों को फोन पर ही झाड़ा दिया जाता है, इमरजेंसी हालत में सर्वदुख निवारण लाल मिर्च सुखी खड़ी से हवन किया जाता है ।
पंडित राजेश शास्त्री गुरुजी को 20 साल से साधना का अनुभव है। आज भी साधना प्रारंभ है। कामाख्या धाम गुवाहाटी साधना स्थल है। कामाख्या बगलामुखी श्री विद्या हनुमत महाकाल साधना एवं दीक्षित हूं। हमारे द्वारा प्रतिदिन गणेश अंबिका, पार्थिवश्वेर महादेव, महाकाली बगलामुखी, श्री यंत्र हनुमत अभिषेक पूजन हवन प्रतिदिन किया जाता है। मंगलवार शनिवार हनुमान जी को चोला श्रृंगार किया जाता है। जिस भक्त को इस पूजन में जुड़ना है, वो हमसे संपर्क कर लाभ लें। मेरे द्वारा सतत अभिषेक,अर्जन, हवन, यज्ञ एवं विशेष कार्य- विशेष प्रयोग किए जाते है । विशेष रूप से हमारे द्वारा कालसर्प दोष, मंगल भात पूजा, रुद्राभिषेक,जाप,एवं समस्त मांगलिक कार्य वेदोक्त पद्धति के साथ संपन्न कराए जाते है।, पंडित जी पूजा , अनुष्ठान एवं दोष निवारण में निपुण होने के साथ ही ज्योतिष और कर्मकांड का भी अच्छा ज्ञान रखते हैं | पंडित जी विभिन्न प्रकार के पूजन के अलावा कुंडली सम्बंधित सेवायें भी देते हैं | अनुष्ठान,पूजन, पाठ,इत्यादि वैदिक परंपरा के अनुसार संपन्न हुए है। विशेष रूप से हमारे द्वारा कालसर्प दोष, मंगल भात पूजा, रुद्राभिषेक, जाप,एवं समस्त मांगलिक कार्य वेदोक्त पद्धति के साथ संपन्न कराए जाते है। साधना स्थल कार्य प्रारंभ है, जिस भक्त को दान करना हो सहयोग कर सकते हैं।
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के बीच में बाकी सभी ग्रह आ जाते हैं, तो इसे कालसर्प दोष कहते हैं...
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महामृत्युंजय मंत्र, भगवान शिव को समर्पित एक प्रभावशाली मंत्र है. इसे त्रयम्बक मंत्र भी कहा जाता है...
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रुद्राभिषेक में 108 पवित्र द्रव्यों से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है .......
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भगवान मंगलनाथ की यह पूजा, मंगल दोष को दूर करने के लिए की जाती है.....
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नवग्रह मंत्रों का जाप करने से ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है...
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चंद्र-राहु या सूर्य-राहु की युति को ग्रहण योग कहते हैं.......
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